सुनसान पहाड़ी लॉज में दो अजनबियों की रात
बर्फीली हवाओं का शोर और बाहर की सर्दी ने लॉज के भीतर का माहौल और भी ठंडा बना दिया था। तंदूर की आग में हल्की सी गर्मी थी, लेकिन उसे महसूस करने के लिए अधिक निकटता चाहिए थी। नेहा अपने कोट में सिकुड़ी हुई थी, और उसकी नजरें बार-बार खिड़की से बाहर जाती थीं, जैसे…