सुनसान पहाड़ी लॉज में दो अजनबियों की रात

बर्फीली हवाओं का शोर और बाहर की सर्दी ने लॉज के भीतर का माहौल और भी ठंडा बना दिया था। तंदूर की आग में हल्की सी गर्मी थी, लेकिन उसे महसूस करने के लिए अधिक निकटता चाहिए थी। नेहा अपने कोट में सिकुड़ी हुई थी, और उसकी नजरें बार-बार खिड़की से बाहर जाती थीं, जैसे…

अजनबी के साथ बिताई रात ट्रेन में ही

ट्रेन के झटके, बाहर बरसती बारिश और बंद बोगी के भीतर सिमटता तापमान, हर चीज जैसे उन्हें और करीब ला रही थी। अर्जुन का हाथ रिया के हाथों में हल्की गर्मी के साथ सिमट रहा था। उनकी निगाहें एक-दूसरे से सवाल कर रही थीं, जिनके जवाब शब्दों में नहीं, बस एहसासों में छुपे थे। रिया…

शरम और चाहत – भाभी, बारिश और राजेश

सावन का महीना था, और आसमान में बादल घिर आए थे। हवा में ठंडक और मिट्टी की खुशबू ने पूरे माहौल को जादुई बना दिया था। आकाश गहरा होता जा रहा था, और नेहा अपने आंगन में खड़ी होकर बारिश का इंतजार कर रही थी। उसका दुपट्टा कंधे से फिसलकर कमर पर टिक गया था,…

पायल की वो अदायें देखकर आंखें ठहर गईं

रात का समय था, गर्मी की वजह से खिड़कियां खुली हुई थीं। पायल अपनी बालकनी में खड़ी थी, और सामने वाले घर की खिड़की पर नजर पड़ते ही उसकी आंखें ठहर गईं। वहां से रोशनी आ रही थी, और अद्वैत, जो उसका पड़ोसी था, अपनी किताब पढ़ते हुए बालकनी में आ गया। अद्वैत का व्यक्तित्व…

नेहा की आंखों में छिपी चाहत

गर्मी की शाम थी, और आसमान में बादल धीरे-धीरे घिरने लगे थे। नेहा खिड़की के पास खड़ी थी, बाहर तेज़ हवाओं के साथ बारिश की पहली बूंदें गिरनी शुरू हो चुकी थीं। उसके बाल हवा में उड़ रहे थे, और हल्के से गीले ब्लाउज में उसकी खूबसूरती और निखर रही थी। आदित्य ने कमरे में…