शरम और चाहत – भाभी, बारिश और राजेश

सावन का महीना था, और आसमान में बादल घिर आए थे। हवा में ठंडक और मिट्टी की खुशबू ने पूरे माहौल को जादुई बना दिया था। आकाश गहरा होता जा रहा था, और नेहा अपने आंगन में खड़ी होकर बारिश का इंतजार कर रही थी। उसका दुपट्टा कंधे से फिसलकर कमर पर टिक गया था,…